में आज भी हूँ मांगता आजादि
मे आज भी मांगता हूँ आजादि
जातीपाती के झंगडो से
धर्म के नाम पर हो रहे उन लहु के दंगो से |
मे आज भी चाहता हूँ आजादी
बेटियों की जख्मों से और जलरही दुल्हनों कि लाशों से
आज भी मांगता हूँ आजादि
मासुमों के आँसुओं से और
कुपोषीत मुरझायें हुए उनके शरिरोसे
आजादि आज भी चाहता हूँ में
किसानों कि बिगडी हालत से
और लटकती हुँई उनकी लांशो से
आजादि मांगता हूँ आज भी
गंदी गलियों और
खड्डो भरे रास्तों से भी
आजादि चाहता हूँ आज भी
भ्रष्टाचारी नेताओं से
और उनके झुँटे वांदो से
फिर लडनि है लडाई आजादि की
ईन समाज की बुराईयों से
तभी जाके सफल होंगी कुर्बानीया उन विरों की
शहिदों की सैनिको कि
🙏जय हिंद🙏
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